PTV BHARAT मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में सोमवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में हुई।मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश में विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिये 5 हजार 180 करोड़ रूपये से अधिक की स्वीकृति दी गई। इसमें से 5 हजार 42 करोड़ रूपये की पुनरीक्षित और 137 करोड़ रूपये से अधिक प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। स्वीकृत की गई परियोजनाओं में पन्ना जिले के विकासखंड शाहनगर में 600 करोड़ रूपए के स्थान पर 775 करोड़ रूपए की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। इस योजना के बन जाने से क्षेत्र के 577 ग्राम पेयजल सुविधा से भी लाभान्वित होंगे। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2011 में स्वीकृत राशि 261 करोड़ 54 लाख रूपए की लागत से पवई मध्यम सिंचाई परियोजना स्वीकृत की गई थी। सिंचाई क्षेत्र बढ़ने पर वर्ष 2018 में 600 करोड़ रूपए की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई। वर्ष 2011 में सिंचाई क्षेत्र 9 हजार 952 हेक्टेयर था, जो 2018 में बढ़कर 19 हजार 534 हेक्टेयर हुआ और अब बढ़कर 25 हजार 820 हेक्टेयर हो गया है।
इसी प्रकार बुरहानपुर जिले के विकासखंड बुरहानपुर में सिंचाई क्षेत्र बढ़ने से 144 करोड़ 72 लाख रूपए की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। वर्ष 2017 में राशि 104 करोड़ 45 लाख रूपए की लागत से यह सिंचाई परियोजना स्वीकृत की गई थी। तत्समय 2310 हेक्टेयर सिंचाई क्षेत्र परियोजना में शामिल था, जो कि अब बढ़कर 3750 हेक्टेयर क्षेत्र हो चुका है।
साथ ही सागर जिले की बण्डा तहसील में सिंचित भूमि बढ़ने, डूब क्षेत्र में परिवारों की संख्या में वृद्धि होने से भू-अर्जन की लागत में वृद्धि होने एवं विद्युत खपत में वृद्धि होने से 3 हजार 219 करोड़ 62 लाख करोड़ रूपए की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। वर्ष 2022 में राशि 26 करोड़ 54 लाख रूपए की लागत से यह सिंचाई परियोजना स्वीकृत की गई थी। परियोजना में 28 ग्रामों की 4 हजार 646 हेक्टेयर से अधिक भूमि प्रभावित हो रही है और 4 हजार से अधिक परिवारों का विस्थापन होना है। इस योजना के बन जाने से क्षेत्र के 313 ग्राम लाभान्वित होंगे।