मुख्यमंत्री ने महिला पुलिस जवानों से सुनी उनके संघर्षों और वीरता की गाथा

PTV BHARAT रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर दंतेवाड़ा जिले के जावंगा एजुकेशन सिटी के सभागृह में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर बस्तर की महिला शक्ति के मध्य आना उनका सौभाग्य है। बस्तर की वीरांगनाएं विपरीत परिस्थितियों में भी समाज और देश की रक्षा के लिए डटी हुई हैं। उन्होंने कहा कि बस्तर फाईटर्स, दंतेश्वरी फाइटर्स, सीआरपीएफ सहित सुरक्षा बल पूरी दक्षता के साथ अपनी महत्वपूर्ण सेवाएं दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बस्तर फाईटर्स और दंतेश्वरी फाइटर्स में तैनात महिला पुलिस जवानों से उनके संघर्षों और वीरता की गाथा सुनकर उनका उत्साह वर्धन किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर में सेवा देने का कार्य बहुत ही चुनौतीपूर्ण होता है। यहां के घने जंगल, नदी-नाले, गुफाओं के बीच सुरक्षा बलों में तैनात महिला पुलिस कर्मियों का कार्य और भी अधिक कठिनाई भरा कार्य है, किन्तु महिलाएं यहां साहस और वीरता के साथ समर्पित होकर कर्तव्य का निर्वहन कर रही हैं। महिला शक्ति का यह कार्य अत्यंत सराहनीय और प्रेरणादायक है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि आज दंतेवाड़ा के दंतेश्वरी शक्तिपीठ में जाकर माता का आशीर्वाद प्राप्त किया। मां दंतेश्वरी की कृपा से बस्तर अपनी महिला शक्ति के लिए प्रसिद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत देश में प्राचीन काल से महिलाओं का सम्मान होता रहा है। वेदों में भी कहा गया है जहां नारी का सम्मान होता है, वहां देवता वास करते हैं। उन्होंने कहा कि शक्ति के लिए दुर्गा की आराधना, समृद्धि के लिए लक्ष्मी की आराधना और ज्ञान के लिए सरस्वती की आराधना की परंपरा इस देश में रही है। अर्थात शक्ति, धन और ज्ञान का भंडार नारी शक्ति के पास है। उन्होंने कहा कि महिला सम्मान की यह परंपरा आज भी जीवित है तथा देश के सर्वाेच्च संवैधानिक पद राष्ट्रपति के पद पर एक आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मु आसीन हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि महिला शक्ति को सम्मान देने का प्रावधान संविधान में भी किया गया है। लोक सभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है, वहीं छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पंचायती राज संस्थाओं में 50 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं के लिए किया गया है। महिलाएं आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। वे फाइटर प्लेन चला रही हैं, अंतरिक्ष यात्रा कर रही हैं।

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