PTV BHARAT रायपुर। छत्तीसगर झेरिया यादव समाज पं.क्र.5066 से सम्बन्ध्ता महानगर इकाई की बैठक विगत दिन यादव समाजिक भवन महादेवघाट रायपुरा रायपुर (छ.ग.) में सुन्दरलाल यादव शहर जिला अध्यक्ष के सानिद्ध में संपन्न हुई। सर्वप्रथम शिरोमणी भगवान श्री राधा-कृष्ण जी की पूजा अर्चना से प्रारंभ हुई। सुन्दरलाल यादव ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा हिन्दू रीति रिवाज में विवाह के दौरान मौर सौपने की परंपरा सालो से चली जा रही है। इस परंपरा को दूल्हे की सुहागिन माताओं के साथ अन्य सुहागिन रिश्तेदार माहिलाए निभाती है। विधवा माताओं को इस अधिकार से वंचित रखा गया है, लेकिन अब इस रुढीवादी को समाप्त कर विधवा माताओं को भी दुल्हे पुत्र को मौर सौंपने का अधिकारी दिया जायेगा। इसके अलावा समाज में किसी की मृत्यु होने पर कफन की जगह सहयोग राशि दी जाती है और मृत्यु भोज स्वेचछानुसार रखा गया है।
मौर का अर्थ है मुकुट राजा महाराजाओ का श्रंगार और जिम्मेदारी का प्रतीक मौर धारण कर दूल्हा राजा बन जाता है इसलिए इन्हें दूल्हे राजा भी कहते है मौर सौपने का आशय वर को भावी जीवन के लिए आशीष व उत्तरदायित्व प्रदान करना है। इस रस्म में बारात रवानगी के पूर्व वर को पूजा घर में मौर बाधा जाता है। आंगन में चौक पूरकर पीढ़ा रखते है और वर को उस पर खड़ाकर या कुर्सी में बिठाकर सर्व प्रथम माँ उसके बाद चाची मामी बड़ी बहन व सुवासिन सहित 7 महिलाएँ मौर सौपती हैं।
उक्त बैठक में परदेशीराम यादव न्या.प्र.अध्यक्ष, शत्रुघन यादव वरिष्ठ उपाध्यक्ष, प्रीतम यादव कार्यकारिणी अध्यक्ष, बैशाखूराम यादव सचिव, मतवारी यादव कोषाध्यक्ष, नरेश यादव संयुक्त सचिव, रामस्वरुप यादव लेखापाल, घुरूऊराम यादव संरक्षक, आदि समाज प्रमुख एवं स्वजातिबंधु महिला एवं पुरुष अत्याधिक संख्या में उपस्थित रहे। उक्त जानकारी प्रेस विज्ञप्ति में मयाराम यादव एवं सुरेंद्र यादव ने दी।