रायपुर 13 09 2024 छत्तीसगढ़ अधिकार आंदोलन समिति की ओर से हाई कोर्ट में अमलीडीह की केनाल रोड को लेकर एक जनहित याचिका लगाई गई है,जिसमें अमलीडीह की नहर नाली में बनाए गए घरों को अवैध कब्जा बता कर तोड़ने की कार्यवाही की मांग की गई है । प्रशासन ने इसके जवाब में यहा वर्षो से रह रहे 37 मकान मालिकों को बेदखली का आदेश जारी कर दिया है ।इस आदेश के बाद से ये सभी परेशान न्याय की गुहार लगाते अपने घरो को बचाने की कोशिश कर रहे है। बता दें कि 1989 से आरंभ खरीदी एवं निर्माण में जमीन पटवारी द्वारा नापकर, चिन्हांकित कर दी गई थी। PTV BHARAT के सवालों का जवाब देते हुए बिस्ट ने जानकारी दी कि नक्शे तत्कालीन सरपंचों ट्वारा सत्यापित किये गए थे कि इसमें किसी सरकारी भूमि का अतिक्रमण नहीं हो रहा है। प्लांट एवं मकानों के पीछे की नहर-नाली जैसी, जितनी थी, उतनी ही है। इसके दोनों तरफ खाली जमीन नहीं बल्कि खेतों की मेड़ थी, अतः किसी शक की गुंजाइश भी नहीं थी। बाद में नगर निगम द्वारा इस पर गहरी पक्की नाली का निर्माण भी किया गया है। बारिश या घरी का पानी बिना किसी रूकावट के निकल रहा है। अर्थाता मौके पर जल निकासी को लेकर कोई समस्या नहीं बल्कि जनहित याचिका लगाने वाले की मंशा स्पष्ट नहीं हो पा रही है क्योकि उसका यहा कोई निवास नही है । यहा जल निकासी की कोई समस्या भी नही है। अब कालोनी वासी संबधित अधिकारियों से न्याय की गुहार लगा रहे है और अगले चरण में वे न्यायालय की शरण में जाने की तैयारी कर रहे है। यहां रहने वाले लोगो ने अपने जीवन भर की कमाई से यहां घर बनाया गया है शासन प्रशासन को कर अदा किया है लेकिन आज इनके घर पर बुलडोजर का खतरा मंडरा रहा है। इन तमाम बातों के लेकर कालोनी वासियों ने पत्रकार वार्ता ली और अपनी तकलीफे सांझा की ।