PTV BHARAT रायपुर/15 जनवरी 2025। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेन्द्र वर्मा ने कहा कि ओबीसी आरक्षण की रक्षा करने में असफल डिप्टी सीएम अरुण साव को अपने पद से तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिये। उपमुख्यमंत्री अरुण साव को खुद को ओबीसी वर्ग का हितैषी बताते है, लेकिन उनकी सरकार ने ओबीसी आरक्षण जिला पंचायतों में खत्म कर दिया है। ओबीसी वर्ग के साथ हुये अन्याय पर अरुण साव मौन क्यों है? उन्हें तत्काल ओबीसी वर्ग को आरक्षण दिलाना चाहिये, अन्यथा उन्हें उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिये।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेन्द्र वर्मा ने कहा कि भाजपा की सरकार ओबीसी विरोधी है इसलिये दुर्भावना पूर्वक साय सरकार ने प्रदेश के सभी जिला पंचायतों में ओबीसी आरक्षण को खत्म कर दिया है। 2019 में कांग्रेस सरकार के दौरान प्रदेश में 27 जिला पंचायत में उस दौरान 7 जिला पंचायत ओबीसी वर्ग के लिये आरक्षित था, वर्तमान में 33 जिलों में 1 भी जिला पंचायत अध्यक्ष का पद ओबीसी के लिये आरक्षित नहीं है। डिप्टी सीएम अरुण साव कह रहे है कि ओबीसी वर्ग को लाभ हुआ है तो उन्हें यह बताना चाहिये कि 33 जिलों में ओबीसी के लिये शून्य सीटें, ये कैसा लाभ? न केवल नगरीय निकाय बल्कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भी आरक्षण प्रक्रिया में संशोधन करके साय सरकार ने ओबीसी वर्ग के लोगो को चुनाव लड़ने से वंचित किया है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेन्द्र वर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ की बहुसंख्यक आबादी ओबीसी की है, भाजपा सरकार की दुर्भावना के चलते उनके लिये लिए कुछ भी नहीं बचा है। भाजपा के नेता अब भी झूठ बोल रहे हैं कि मैदानी क्षेत्रों में ओबीसी वर्ग को बड़ा लाभ है लेकिन हकीकत यह है कि पूरे प्रदेश में सबसे बड़ी आबादी ओबीसी की है और इस सरकार ने वह किसी के अधिकारों को ही खत्म कर दिया है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेन्द्र वर्मा ने कहा कि प्रदेश की लगभग 54 प्रतिशत से अधिक आबादी ओबीसी की है, प्रदेश में ओबीसी की जनसंख्या के हिसाब से आरक्षण नहीं दिया गया। भाजपा सरकार ने ओबीसी के वास्तविक आकड़ो को छुपाकर ओबीसी के साथ अन्याय किया है, बेहद दुःखद और निंदनीय है कि ओबीसी वर्ग से आने वाले डिप्टी सीएम अरुण साव ओबीसी वर्ग के हितों के खिलाफ लिए गए भाजपा सरकार के अनुचित निर्णय का समर्थन कर रहे हैं।