रायपुर – आपसी ज्ञान साझा करने और शोध के अवसरों को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर के निदेशक ,प्रोफेसर एन वी रमना राव और वैज्ञानिक-जी और उप महानिदेशक (पूर्वी क्षेत्र) बीआईएस ,कोलकाता दिब्येंदु चक्रवर्ती, द्वारा 24 जनवरी 2024 को एक समझौता ज्ञापन (एम ओ यू) पर हस्ताक्षर किए गए | इस दौरान डॉ. पी. दीवान, (डीन, रिसर्च एंड कंसल्टेंसी), सुमित कुमार (वैज्ञानिक-डी और संयुक्त निदेशक, बीआईएस रायपुर शाखा), डॉ. जे. आनंदकुमार ,एसोसिएट डीन, (आर एंड सी), डॉ. राज कुमार साहु सहायक प्रोफेसर (मेकैनिकल इंजीनियरिंग) और समन्वयक, एनआईटी रायपुर और प्रभु नाथ यादव, (वैज्ञानिक-डी और बीआईएस रायपुर के संयुक्त निदेशक) सहित दोनों संस्थानों के एमओयू नोडल अधिकारी और फैकल्टी सदस्य मौजूद रहे ।
इस समझौता ज्ञापन का प्राथमिक उद्देश्य दोनों हितधारकों के लिए उन्नत अवसरों की खोज के उद्देश्य से एनआईटी रायपुर और बीआईएस कोलकाता के बीच सहयोग स्थापित करना है। अपनी बौद्धिक क्षमताओं का लाभ उठाते हुए, दोनों संस्थानों के संकाय सदस्य और वैज्ञानिक भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के साथ-साथ एनआईटी रायपुर की जरूरतों को पूरा करने के लिए उपयुक्त कौशल वृद्धि प्रणाली विकसित करने के लिए मिलकर काम करेंगे।
एमओयू की शर्तों के तहत, दोनों संस्थान बौद्धिक संपदा की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए एक गैर प्रकटीकरण समझौते (एनडीए) के माध्यम से अपनी महत्वपूर्ण सुविधाओं को साझा करने पर सहमत हुए हैं। दोनों संस्थान मानकीकरण और अनुरूपता मूल्यांकन से संबंधित अनुसंधान एवं विकास परियोजनाएं शुरू करने के अवसर तलाशेंगे | इसके लिए ब्यूरो द्वारा आवश्यक सहयोग एवं सहायता प्रदान की जायेगी।
पारस्परिक हित और उपलब्ध विशेषज्ञता के आधार पर अल्पकालिक पाठ्यक्रम, प्रशिक्षण कार्यक्रम, सेमिनार, कार्यशालाओं और सम्मेलनों जैसी संयुक्त शैक्षणिक गतिविधियां तैयार की जाएंगी। यह समझौता प्रारंभ में 3 वर्षों के लिए वैध है और इसे दोनों पक्षों की आपसी सहमति से बढ़ाया जा सकता है।
एमओयू पर हस्ताक्षर तकनीकी शिक्षा और अनुसंधान सहयोग में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए दोनों संस्थानों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह रणनीतिक साझेदारी निस्संदेह दोनों संस्थानों की वृद्धि और विकास में योगदान देगी और छात्रों और संकायों और उद्योग को बड़े पैमाने पर लाभान्वित करेगी।