PTV BHARAT रायपुर। विधानसभा बजट सत्र के दौरान शुक्रवार को सदन में भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने दवाओं में मिलावट का मामला उठाया। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने जवाब देते हुए कहा कि आयुर्वेदिक दवाओं में ऐलोपैथिक दवाईयां मिलाई जा रही है। जनवरी 2022 से नवंबर 2023 के बीच ऐसे 11 केस मिले हैं। मिलावट करने वालों के खिलाफ दर्ज प्रकरणों में चालान कोर्ट में पेश किया जाता है। मंत्री जायसवाल ने बताया कि 2022 में दर्ज सभी मामलों में चालान कोर्ट में पेश कर दिया गया है। 2023 के मामलों की विवेचना चल रही है। मंत्री ने बताया कि दवाओं के जांच की प्रक्रिया लगातार चलती है। इसके लिए प्रदेश में चलती वाहन में लैब रहते हैं। कहीं पर लगता है तो तत्कला वहीं पर जांच करते हैं। मंत्री राज्य के लैब में मानव संसाधन कम है। केवल 5 प्रतिशत ही पद है। हमारे पास केवल यह पता करने की व्यवस्था है कि दवा में मिलावट है या नहीं। कितनी मिलावट है यह जानने के लिए सैंपल बाहर भेजना पड़ता है।