दैनिक वेतनभोगी महिला कर्मचारी वेतन बकाया-महिला आयोग अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने कलेक्टर को दिया जांच का आदेश

PTV BHARAT  जाजंगीर/ 13 मार्च 2024 / छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य श्रीमती अर्चना उपाध्याय ने आज जिला जांजगीर-चांपा के कार्यालय कलेक्टर सभाकक्ष में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की। आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज दिनांक 247 वी सुनवाई हुई । जांजगीर जिले में कुल 09 वी जन-सुनवाई। आज की सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में दोनो पक्ष उपस्थित थे। आवेदिका के दो बच्चे हैं आवेदिका लगभग दो वर्षों से अपने मायके में निवास कर रही है दोनो पक्षों के बीच सुलहनामा का प्रयास कराया गया जो असफल रहा। अनावेदक (पति) ए.सी.सी. एल. में जनरल मजदूर कैटेगिरी में कार्य करता है जिसका कुल वेतन 54 हजार एवं कटने के बाद कुल वेतन 36 हजार है का पे-स्लिप आयोग में प्रस्तुत किया लेकिन इसके बावजूद पिछले डेढ साल से अपनी पत्नि और बच्चों को कोई भी राशि भरण-पोषण में नही दे रहा है। उसका कहना है कि उसे बच्चों से मिलने नही दिया जाता। आयोग के द्वारा दोनो पक्षों का समझानेका काफी प्रयास किया गया कि दोनो बच्चों के हित में आपस में सुलह नामा करलें और भरण-पोषण राशि के एवज में राशि तय कर ले इस पर अनावेदक ने पांच हजार रूपये देने का प्रस्ताव दिया जिसे आवेदिका ने लेने से इंकार किया आवेदिकान्यायालय में अपने प्रकरण का निराकरण चाहती है, प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया। अन्य प्रकरण में दोनो पक्ष उपस्थिति थे। आवेदिका अन्नुराबिया प्रधान दैनिक मजदूर के पद पर बम्हनीडीह के अफरीद ग्राम रसोईया के पद पर कार्यरत थी उसे जुलाई 2020 से जून 2022 के बकाया वेतन पाने के लिए आयोग के समक्ष शिकायत प्रस्तुत किया है उक्त अवधि का 140000/- का वेतन अब तक भुगतान नहीं किया गया है। अनावेदक के द्वारा प्रस्तुत अभिलेखन का अवलोकन किया गया जिस मेंआवेदिका की अधीक्षिका का हस्तलिखित पत्र भी है कि आवेदिका ने कार्य किया है चूंकि कोविड का कार्यकाल था इसलिए बीच-बीच में हॉस्टल की चौकीदारी करने को कहा था और आवेदिका ने काम किया था फिर भी आवेदिका को अनुपस्थित बताने के लिए उपस्थिति पंजी जो प्रस्तुत किया गया है एक ही पंजी में अलग-अलग गांवों में कार्यरत कमियों का उपस्थितिे में हस्ताक्षर को आधार मानकर आवेदिका का वेतन काटा गया है। जिसमें आवेदिका के नाम के कॉलम के सामने लगातार “पी” अर्थीत प्रेजेट लगा है। एक ही रजिस्टर में अलग-अलग गांवों के कर्मियों की उपस्थिति प्रतिदिन दर्ज किया जाना असंभव है इस आधार पर आवेदिका का वेतन काटा जानाना पूर्णतः दुर्भावना पूर्ण प्रतीत होता है जिससे आवेदिका के आवेदन में लिखे गये तथ्यों की पुष्टि होती है कि आनवेदक ने आवेदिका का वेतन देने के एवज में पैसे की मांग की गई थी। चूंकि यह प्रकरण पीड़ित आवेदिका को उसका बकाया वेतन दिलाने के उद्देश्य से प्रस्तुत है। जांजगीर कलेक्टर को संपूर्ण फाईल की प्रमाणित प्रतिलिपि सखी सेन्टर के केन्द्र प्रशासक के माध्यम से दिया जाता है एवं समस्त स्थिति से कलेक्टर जांजगीर को अवगत कराया जावे ताकि आवेदिका को शीघ्र वेतन का भूगतान किया जा सके।कलेक्टर जांजगीर के द्वारा लिए गये निर्णय की प्रति दो माह के अंदर महिला आयोग को प्रस्तुत किये जाने के उपरान्त प्ररकण का अंतिम निराकरण किया जावेगा। संपूर्ण कार्यवाही के लिए सखी के केन्द्र प्रशासक को नियुक्त कर एवं सम्मानीय सदस्य अर्चना उपाध्याय से सहयोग लेकर आवश्यक कार्यवाही। मूल फाईल सम्मानीय सदस्य अर्चना उपाध्याय जी को दिया गया।

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