आज, 25 मार्च, गौर पूर्णिमा के अवसर पर इस्कॉन प्रचार केंद्र, रायपुर में तमाल कृष्ण दास ( डायरेक्टर ऑफ छत्तीसगढ़ इस्कॉन यूथ फोरम ) के नेतृत्व में एक धार्मिक आयोजन का आयोजन किया। इस महोत्सव के मुख्य आकर्षण में श्री श्री गौर निताई भगवान का अभिषेक था।
यहाँ पर भक्तों ने विभिन्न प्रकार के वैष्णव भजनों का कीर्तन किया।
“राधा महासुन्दर” का आगमन*:
इस उत्सव में, रायपुर से “राधा महासुन्दर” भगवान के विग्रह का आगमन हुआ, जिसने इस पवित्र आयोजन को और भी प्रसन्नता और उत्साह से भर दिया और इसे रमणीय बना दिया।
कथा
रायपुर में ईश्वर के नाम पर होली का अनोखा मनावा इस्कॉन प्रचार केंद्र द्वारा, जिसमें तमाल कृष्ण दास के निर्देशन में होलिका दहन का आयोजन किया गया। प्रभुजी ने बताया कि गौर पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है? प्रभुजी ने बताते हुए कहा कि जब कृष्ण जी चैतन्य महाप्रभु के रूप में इस कलियुग में अवतरित हुए तो पूरा ब्रह्मांड में खुशियों का समागम हो गया था, उनके अवतरण पर आकाश से पुष्पों की वर्षा हो रही थी। पूरी पृथ्वी फूलों से अच्छादित हो गई थी और इस अद्भुत अवसर पर हम फूलों की होली खेलकर भगवान का स्वागत करते हैं।
कीर्तन मेला में:
कीर्तन मेला में, भक्त झूम उठे, आत्मा ने खोजा अपना आध्यात्मिक आनंद।
भगवान की महिमा में खो गए, हृदय में उत्साह का आवाज।
साथ साथ गाते हुए हो गए भगवान की महिमा की गान।
इस आनंद में लिपटे रहे, भक्तिभाव से भरी यह श्रद्धा की अनूठी ज्योति।
अभिषेक का विवरण:
गौर निताई भगवान के आरती से शुरू किया गया महाअभिषेक श्री श्री गौर निताई भगवान को पंचामृत, दूध, दही, घी, और षट् रस के साथ-साथ 11 प्रकार की औषधि, नारियल पानी, और 108 कुंडों के जल से अभिषेक किया गया अभिषेक के दौरान ब्रह्मसंहिता का पाठ किया गया अभिषेक के पश्चात 10 किलो फूल से भी भगवान का अभिषेक किया गया ।
भोग एवं आरती:
अभिषेक के बाद, 108 भोग अर्पण किया गया जिसमें अनेक प्रकार के व्यंजन शामिल थे। इस आयोजन में ब्रजवासी भक्तों ने भगवान के लिए विविधता से भरा भोग बनाया। इसमें स्वादिष्ट छत्तीसगढ़ी और राजस्थानी व्यंजनों की बड़ी संख्या थी। ठेथरी, खुरमी, बेसन के लड्डू, गुलाब जामुन, और रसमलाई जैसे मिठाईयाँ भगवान के भोग में शामिल थीं। साथ ही, विभिन्न प्रकार की रोटियाँ, पुलाव, और सब्जियाँ भी सजीवता से बनाई गईं। इस पारंपरिक आयोजन में भक्तों ने अपनी भक्ति और सेवा भावना का प्रकटीकरण किया, जिससे उन्हें आनंद और संतोष मिला।इसके पश्चात, भगवान की महाआरती की गई और सभी भक्त महाआरती के इस कीर्तन में झूम उठे।
सभी भक्तों को महाप्रसादी बैठा कर खिलाया गया। इस धार्मिक उत्सव में, करीबन सैकड़ों भक्त श्री श्री जगन्नाथ गौर निताई महाप्रशादी में प्रसाद का आनंद लिया। भगवान के पवित्र प्रसाद को लेकर हर भक्त के चेहरे पर आनंद और संतोष की मुस्कान थी। इस अद्भुत अनुभव ने सभी को आध्यात्मिक उत्साह से भर दिया और उनकी आत्मा को शांति और प्रसन्नता का अनुभव हुआ
यह पूरी कार्यक्रम संकीर्तन चैतन्य, दास ,भक्त वत्सल दास , दयानिधि दास , यश गुप्ता , हेमकुमार , हर्षल ,रोहित ,नरेश दुबे ,कृष्णराधिका देवी दासी ,अनीता साहू ,ममता माताजी आदि भक्तो के द्वारा संपन्न हुआ ।