छत्तीसगढ़ के 58 परसेंट राशन दुकान नॉन एक्टिव, राशन और राशन कार्ड के लिए दर- दर भटकने मजबूर

रायपुर 28 मार्च 2024। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने साय सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि मोदी की गारंटी और साय का सुशासन केवल विज्ञापन, नारों और जुमलों तक ही सीमित है, असलियत यह है कि एक के बाद एक जनहितैषी और लोक कल्याणकारी योजनाएं साय सरकार में दम तोड़ रही है। जिन योजनाओं का बजट प्रावधान पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने 31 मार्च 2024 तक किया था, उन योजनाओं में भी हितग्राहियों को दुर्भावना पूर्वक लाभ से वंचित कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी भत्ता अघोषित रूप से बंद है। किसानों को खरीफ सीजन 2022- 23 का राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लंबित चौथी किस्त का पैसा भी विष्णुदेव सरकार ने हड़प लिया है, और अब राशन के अधिकार से भी छत्तीसगढ़ की जनता को वंचित करने का षड्यंत्र भारतीय जनता पार्टी की विष्णुदेव सरकार ने रचा है। राशन दुकानों में एपीएल कार्डधारीयों को एक दाना शक्कर नहीं मिल रहा है। कहीं कहीं पर बीपीएल कार्ड धारी को प्रति राशन कार्ड केवल 1 किलो शक्कर दिया जा रहा है। पीडीएस के सरकारी साइट पर भी छत्तीसगढ़ के कुल 13771 उपभोक्ता दुकानों में से मात्र 42 परसेंट 5746 दुकान ही वर्तमान में संचालित हैं अर्थात 58 प्रतिशत राशन दुकान नान एक्टिव हैं जिसके चलते छत्तीसगढ़ की अधिसंख्यक आबादी को राशन दुकान से चावल, शक्कर, नमक और चना लेने से षडयंत्र पूर्वक वंचित किया जा रहा है। गुड़, चना, शक्कर और मिट्टी तेल तो छत्तीसगढ़ के राशन दुकानों से पूरी तरह गायब है।

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