राजधानी रायपुर के वृंदावन हाॅल में अंतरराष्ट्रीय विश्व मंच छत्तीसगढ़ इकाई द्वारा श्रीमति जयश्री शर्मा द्वारा रचित लघुकथा संग्रह सहारा एवं अन्य कहानिंयां का विमोचन कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में लघुकथा के पुरोधा पवन जैन उपस्थित हुए जबकि कार्यक्रम के विशेष अतिथि डाॅ. सुमन मिश्र डाॅ.सुधीर शर्मा थे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि पवन जैन ने लघुकथा के विषय में कहा कि आज के समय में रचनाकार बहुत है पर सही सृजनकर्ता कम है। पाठकों से अनुरोध किया कि इस कृति को पढ़कर अपने अच्छे -बुरे दोनों विचार लेखिका को बताये और लेखिका उसे सहजता से ले। जैन जी का कहना था कि आलोचना सुनना चाहिए और अगली रचना मे कमी का ध्यान रखें।रचना में कसावट का होना जरूरी है,रचना सत्य के करीब होना चाहिए, लघुकथा सोचने पर मजबूर करती है। डाक्टर मन्हेद्र ठाकुर ने कहा कि यह रचना अच्छी है पर अगली रचना इससे भी ज्यादा अच्छी होगी।इनका कहना था की नारी और पुरुष दोनों ही एक समान है लघुकथा के बारे में कहना है कि कथा में रस होता है लघुकथा में हर एक शब्द कसे हुए होना चाहिए,आने वाले समय की लोकप्रिय विधा लघुकथा होगी। गोल्डन बुक धारी डॉक्टर ठाकुर ने सहारा एवं अन्य कहानियां के सम्बन्ध में कहा कि यह लघुकथा प्रेरणा दायक है वर्तमान समय में लोग लघुकथाएं पढ़ना पसन्द करते हैं लघुकथा लोगों के मन को लुभाती है। लघुकथा जीवन्त होती है। डाॅ.सुधीर शर्मा जी ने अपने प्रबोधन में लघुकथा के विषय में अपनी सोच को बताया लघुकथा के विषय में कहना है की एक लघु कथा अलग-अलग विषयों पर आधारित होती है इनका कहना है की लघुकथाएं समाज को सहारा देती है। लघुकथा में समाज का व्दंद दिखाई जाती है।इनका कहना है 1900के बाद कहानियों का वास्तविक अर्थ को खोता जा रहा है कल्पना की कमी होती जा रही हैं। इस मौके पर अंतरराष्ट्रीय विश्व मैत्री मंच छत्तीसगढ़ इकाई की श्रीमती संतोष श्रीवास्तव (संस्थापक)डॉ मंजुला हर्ष श्रीवास्तव मंजुल (निर्देशक) डॉ मीता अग्रवाल( अध्यक्ष) भी विशेष रूप से उपस्थित रहीं