भोजशाला मंदिर के पुख्ता प्रमाण; हाईकोर्ट में 22 जुलाई को अगली सुनवाई

PTV BHARAT   इंदौर। मध्य प्रदेश के धार स्थित ऐतिहासिक भोजशाला में इसी वर्ष 22 मार्च से 27 जून तक 98 दिन चले वैज्ञानिक सर्वे और इसमें मिले पुरातत्व महत्व के अवशेषों के आधार पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने सोमवार को हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में करीब दो हजार पन्नों की रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी। रिपोर्ट की छह प्रतियां सौंपी गई हैं। इनमें दो प्रति कोर्ट के लिए, एक याचिकाकर्ता के लिए और तीन अन्य पक्षकारों के लिए है।

रिपोर्ट में 10 खंड हैं। जिन पक्षकारों को सर्वे रिपोर्ट सौंपी गई है, उनके अनुसार एएसआई को भोजशाला में मंदिर के पुख्ता प्रमाण मिले हैं। रिपोर्ट में यह भी निष्कर्ष निकाला गया है कि वर्तमान संरचना (कमाल मौला दरगाह) का निर्माण करने में यहां पहले से मौजूद मंदिर के ही हिस्सों का उपयोग किया गया था। एएसआई के वकील हिमांशु जोशी ने बताया कि सर्वे के दौरान पुरावशेषों की कार्बन डे¨टग भी कराई गई। एकत्रित 1700 से ज्यादा प्रमाण और खोदाई में मिले अवशेषों का विश्लेषण किया गया है। निष्कर्ष 151 पन्नों में संकलित है। कोर्ट अब इस रिपोर्ट पर 22 जुलाई को सुनवाई में विचार करेगा।

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