PTV BHARAT रायपुर/24 सितंबर 2024 / छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने आज छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के कार्यालय रायपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की। आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज 282 सुनवाई हुई। रायपुर जिले में कुल 133 वी. जनसुनवाई।
एक प्रकरण में पिछली सुनवाई में अनावेदक ने आवेदिका को 5 हजार रू. नगद दिया था। उसे 25 हजार रू. आवेदिका को और देना था (कुल 30 हजार रू.), आज आयोग के समक्ष शेष 25 हजार रू. अनावेदक ने आवेदिका को दिया। साथ ही अनावेदक को समझाईश दिया गया कि वह आवेदिका के मकान व रास्ते में दखल नहीं देगा और ना ही अपने पुलिसिया पद का रौब दिखायेगा। इस समझाईश के बाद प्रकरण नस्तीबध्द किया गया।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका के पति का अन्य महिला से संबंध होने की शिकायत आवेदिका ने की थी। दूसरी महिला अपने पति व दो बच्चों के साथ उपस्थित हुई, उसे समझाईश दिया गया कि वह आवेदिका के पति से किसी भी तरह मिलना-मिलाना नही करेगी। यदि ऐसा करती पायी गई तो उसे आगामी सुनवाई में नारी निकेतन भेज दिया जायेगा। उसे अपना चाल-चलन सुधारने की समझाईश दिया गया। आवेदिका व उसके पति के 17 व 19 वर्ष के दो बेटे है। उन दोनो को कहा गया कि यदि उनके पिता अन्य महिला के साथ देखे गये तो फोटो खींचकर आयोग में काउसलर के पास जमा करेंगें ताकि अन्य महिला के उपर कड़ी कार्यवाही किया जा सके। साथ ही अनावेदक ने अपने दोनो बच्चों को प्रति माह 8 हजार रू. भरण-पोषण देगा। यदि किसी भी माह अनावेदक भरण-पोषण राशि नहीं देता है तो उस पर कार्यवाही की जा सकेगी। प्रकरण 1 वर्ष के लिए निगरानी में रखा गया।
एक प्रकरण के दौरान आवेदिका ने बताया कि उसके पति का अन्य महिला से अवैध संबंध है। जो कि गैर कानूनी है। आयोग के समक्ष दूसरी महिला ने यह बात स्वीकार की। सुरक्षा की दृष्टि से आयोग के द्वारा दूसरी महिला को सुधरने का भोका देकर 2 माह के लिए नारी निकेतन भेजे जाने का आदेश दिया गया।
आज की सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में सभी अनावेदकगण तेलीबांधा के इन्द्रा आत्मा नगर पुरेना राजेन्द्र नगर थाने में गणेश बैठाते है। सभी अनावेदकगण गणेश समिति के सदस्य है। सभी के द्वारा गणेश चंदा हेतु 10 हजार रू. की मांग आवेदिका से की गई, गणेश चंदा ना मिलने पर अनावेदकगणों ने आवेदिका के बेटे व पति के साथ मारपीट की गई। आज सुनवाई में उपस्थित अनावेदक ने बताया कि आवेदिका के बेटे ने उसके साथ हाथापाई की थी जिससे उसकी गर्दन में नाखून से खरोच आ गई थी। इस मामले में थाना राजेन्द्र नगर के सिपाही का नाम भी आवेदिका ने लिया है। आयोग द्वारा इस प्रकरण में विस्तृत रिपोर्ट 1 माह के भीतर मंगाया गया ताकि प्रकरण का निराकरण किया जा सके।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अनावेदक के खिलाफ बोखाधड़ी और
शादी का प्रस्ताव देकर शारीरिक, आर्थिक शोषण व प्रताड़ना की शिकायत की थी, और आवेदिका से लगभग साढे तीन लाख रू. भी अनावेदक द्वारा लिये गये थे। अनावेदक का विवाह हो चुका है और वह अपने आपको निर्दोष बताने की कोशिश कर रहा है। आयोग द्वारा दोनो पक्षों को समझाईश दिया गया कि वह दोनो अपने कॉल डिटेल वर्ष 2019 से अब तक का निकालकर देंगें। जिसमें एक-दूसरे के मोबाईल न. से कब-कब बातचीत हुई है इसका विवरण होना चाहिए, तथा यदि लेन-देन हुआ है तो उसकी डिटेल भी बैंक से लेकर आए। यदि कोई भी पक्ष आदेश का पालन नहीं करता तो यह माना जायेगा कि वह आयोग से तथ्यों को छुपा रहा है और उसके खिलाफ कार्यवाही किया जा सकेगा।