भाजपा सरकार की उपेक्षा से किसान मायूस, ना बारदाना मिल रहा है-सुरेंद्र वर्मा

रायपुर/27 नवंबर 2024। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार की बदनियती के चलते छत्तीसगढ़ के धान बेचने वाले किसान मायूस हैं। प्रदेश के अधिकांश समिति और धान संग्रहण केंद्र बारदानों की कमी से जूझ रहे हैं। यह सरकार न पर्याप्त मात्रा में नए बारदाना खरीद पाई है और ना ही राइस मिलरों से बारदाना उपलब्ध कराने का समुचित प्रयास हुआ है, पीडीएस के बारदाने तक समुचित मात्रा में यह सरकार कलेक्ट नहीं कर पाई है जिसके चलते किसान भटकने मजबूर हैं।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि ऑनलाइन टोकन ऐप खुलते ही 10 से 15 मिनट में तय लिमिट खत्म हो जा रही है। समितियों में किसानों को मैन्युअल टोकन नहीं मिल पा रहा है जो 60-40 का रेशियो ऑनलाईन और सोसायिटीयों से टोकन जारी करने में तय किया गया है उसका पालन कहीं पर नहीं हो पा रहा है अधिकांश समितियों में दिसंबर के पहले हफ्ते से लेकर 15 दिसंबर तक के टोकन खत्म हो चुके हैं किसानों को टोकन के अभाव में मायूस होकर लौटना पड़ रहा है। भाजपा सरकार की अकर्मण्यता के चलते किसानों को अपनी उपज की सुरक्षा के लिए कड़ी ठंड में किसानों को पहरेदारी करना पड़ रहा है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि साय सरकार धान खरीदी से बचने के लिये कृत्रिम बाधा उत्पन्न कर रही है। सरकार की बदनीयती से राइस मिलर्स भी परेशान है। कस्टम मीनिंग की बकाया राशि और मिलिंग की दरें घटाए जाने के खिलाफ प्रदेश भर के राइस मिलर्स सरकार के खिलाफ आंदोलित है। परिवहन की समुचित व्यवस्था और उठाव नहीं होने के चलते धान खरीदी की दर प्रभावित हो रही है। अभी तक लक्ष्य का 5 प्रतिशत की खरीदी भी यह सरकार नहीं कर पाई है। इसी तरह की उपेक्षा के चलते ही पिछले खरीफ़ सीजन के लगभग 26 लाख क्विंटल धान खराब हुए हैं, जिससे सहकारी सोसाइटियों को 1000 करोड़ से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा है। इस सरकार की नीति और नियत दोनों किसान विरोधी है। भाजपा सरकार के षड्यंत्र के चलते किसान अपना धान नहीं बेच पा रहे हैं। प्रत्येक संग्रहण केंद्र में नगद भुगतान का वादा भारतीय जनता पार्टी ने 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान किया था लेकिन किसानों को अपने धान की पूरी कीमत का नगद भुगतान किसी भी संग्रहण केंद्र में नहीं मिल रहा है। भाजपा के लिए धन और किसान केवल सियासी लिहाज से जरूरी है, सच यही है कि उनकी नीति और नियत दोनों किसान विरोधी है।

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