PTV BHARAT रायपुर – राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर और छत्तीसगढ़ विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (सीसीओएसटी) ने संयुक्त रूप से दिनांक 26 फरवरी को पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में दो दिवसीय 19वें छत्तीसगढ़ यंग साइंटिस्ट कांग्रेस (सीवायएससी) के आयोजन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में ट्रिपलआईटी नया रायपुर के डायरेक्टर डॉ पी के सिन्हा और विशिष्ठ अतिथि के रूप में वीवाय अस्पताल के ऑर्थोपेडिक सर्जन और डायरेक्टर डॉ पूर्णेंदु सक्सेना रहे। यह कार्यक्रम एनआईटी रायपुर के निदेशक डॉ एन. वी. रमना राव और सीसीओएसटी के डायरेक्टर जनरल श्री एस. एस. बजाज की अध्यक्षता में आयोजित हो रहा है। एनआईटी रायपुर के सीएसई विभाग के डॉ दिलीप सिंह सिसोदिया, आईटी विभाग के डॉ राकेश त्रिपाठी और सीसीओएसटी की डॉ जॉयस के. राय इस कार्यक्रम की संयोजक है |
प्रदेश की युवा प्रतिभा को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद, रायपुर द्वारा छत्तीसगढ़ यंग साइंटिस्ट कांग्रेस का आयोजन किया जाता है। इसका आयोजन प्रतिवर्ष इंडियन फिजिसिस्ट चन्द्रशेखर वेंकट रमन द्वारा 28 फरवरी को ‘रमन इफेक्ट’ की खोज को चिह्नित करने के लिए आयोजित किया जाता है जिसका उद्देश्य उभरते उत्साही युवा शोधकर्ताओं को उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित कर एक उपयुक्त मंच प्रदान करना है।
वर्ष 2024 के अवार्ड के लिए विभिन्न क्षेत्रों पर रिसर्च पेपर्स आमंत्रित किए गए थे जिसमें एग्रीकल्चर साइंसेज, एग्रीकल्चरल इंजिनियरिंग/ टेक्नोलॉजी, बायोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी, बायोइंफोरमैटिक्स एंड बायोमेडिकल साइंसेज, कैमिकल साइंसेज, अर्थ एंड एटमॉस्फेरिक साइंसेज, कंप्यूटर साइंसेज, इलेक्ट्रोनिक्स, आईटी, इंस्ट्रूमेंटेशन, सिविल एंड आर्किटेक्चर इंजिनियरिंग, इलेक्ट्रीकल इंजिनियरिंग, इलेक्ट्रोनिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग, मैकेनिकल, मेकेट्रोनिकस, प्रोडक्शन इंजीनियरिंग, एनवायरनमेंटल साइंसेज, लाइफ साइंसेज, मैथमेटिकल एंड स्टेटिस्टिकल साइंस, वैदिक मैथमेटिक्स, फार्मास्यूटिकल साइंस, फिजिक्स, एनिमल हसबेंडरी, डेयरी टेक्नोलॉजी, माइनिंग, मेटलर्जी और अप्लाइड जियोलॉजी प्रमुख हैं।
कार्यकर्म की शुरुआत वंदे मातरम और सरस्वती वंदना के साथ हुई। कार्यक्रम में अपने वक्तव्य में डॉ राव ने सभी शोधार्थियों को बधाई देने के साथ साथ उनके विचारों को समर्थन दिया। साथ ही देश में विज्ञान के नए आयामों की कामयाबी में यंग साइंटिस्टों का हाथ बताया। उन्होंने हाल ही में देश की विज्ञान में हुई जबरदस्त तरक्की का उल्लेख करते हुए कोविड 19 में भारत का वैक्सीनेशन, चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग और जलवायु लक्ष्य के पूरे होने का उदाहरण दिया। डॉ एस एस बजाज ने इस प्रतिस्पर्धी दुनिया में नए नवाचार का पेटेंट कराने का आग्रह किया, साथ ही राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का उल्लेख करते हुए 10 से 17 साल के बच्चों के बीच साइंटिफिक टेंप्रामेंट को विकसित करने के हो रहे प्रयासों की भी चर्चा की। डॉ सिन्हा ने विकसित भारत@2047 का विजन देने के लिए भारत सरकार का धन्यवाद दिया और उम्मीद जताई कि हम इस लक्ष्य को निर्धारित समय सीमा में प्राप्त कर लेंगे। डॉ सक्सेना ने प्रौद्योगिकी और डेमोग्राफिक चेंज का विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया और सभी यंग साइंटिस्टों को बधाई दी।
इस दौरान एबस्ट्रैकट बुक का भी विमोचन किया गया और सभी गणमान्य व्यक्तियों को स्मृति चिन्ह और शॉल भेंट किये गये। कार्यक्रम का समापन डॉ. दिलीप कुमार सिसौदिया के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।