PTV BHARAT रायपुर रायपुर, 26 फरवरी, 2024-राष्ट्रीय जैविक स्ट्रैस प्रकान सस्थान (भाकृअनुप-राजेस्ट्रेप्रस) के निदेशक और कुलपति डॉ पी के घोष ने आज आईसीएआर में पेस और मीडिया को संबोधित किया । दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन, भाकृअनुप रायपुर, एमिटी यूनिवर्सिटी उत्तीसगढ़ (एयूसी), रायपुर और भाकृअनुप द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया लगभग 300 प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों, उद्योग भागीदारों और छात्रों के आने की उम्मीद है, सम्मेलन में वक्ताओं की एक प्रभावशाली श्रृंखला शामिल है, जिसमें डॉ. एस. अय्यप्पन, पूर्व सचिव डेयर और डीजी भाकृअनुप, और डॉ. सीडी मेयी, पूर्व अध्यक्ष, कृषि वैज्ञानिक भती बोर्ड शामिल हैं। (एएसआरबी), जो उदाटन सत्र की शोमा बढाएंगे। उल्लेखनीय वक्ता जैसे डॉ. एएन मुखोपाध्याय, डॉ. स्वपन दता, डॉ. दीपक पेटल, डॉ. एनके कृष्ण कुमार, डॉ. पी दास, के. एम. बुजरयरुआ, डॉ. एस. के. चौधरी और डॉ. सैमी रेड्डी भी कार्यक्रम के दौरान अपनी अंतर्दृष्टि साझा करने के लिए तैयार हैं। समापन सत्र में डॉ. पंजाब सिंह, पूर्व सचिव डेयर और महानिदेशक, आईसीएआर उपस्थित रहेंगे। कृषि और पर्यावरणीय स्थिरता के लिए जैविक और अजैविक स्ट्रेस को कम करने के लिए नवीन रणनीतियाँ विषय के तहत, सम्मेलन छह प्रमुख विषयों पर चर्चा करेगा, जिसमें उभरते जैविक और अजैविक स्ट्रैस से लेकर क्षमता निर्माण और नीतिगत मुद्दे शामिल हैं। इसके अलावा, अकादमिक- उद्योग प्रभाव पर एक विशेष सत्र उद्योग भागीदारों को अपने उत्पादों और दृष्टिकोणों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा, जबकि एक दल कृषि चर्चा और पर्यावरणीय चुनौतियों के समाधान के लिए नवीन रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करेगी। व्यापक भागीदारी के महत्य पर जोर देते हुए, आयोजकों ने वैज्ञानिकों और छात्रों तथा कृषि आधारित उद्योगों, फार्म मशीनरी कंपनियों, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), कृषि-रासायनिक कंपनियों, गैर- सरकारी संगठनों (एनजीओ), कृषि-ड्रोन निर्माताओं, बागवानी फर्मों से आग्रह किया है। और पशुधन फर्म सम्मेलन में शामिल होगी, जीवंत चर्चाओं और नेटवर्किग अवसरों में योगदान देंगी।