PTV BHARAT मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में नागरिकों को पेयजल और सिंचाई के लिए जल की उपलब्धता बढ़ाने के लिए सभी आवश्यक प्रयास किए जाएं। परियोजनाओं के कार्य समय पर पूरे हों। विभाग के अधिकारी कार्यों की सतत समीक्षा करते रहें। नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में कार्य बढ़ाया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंत्रालय में जल संसाधन विभाग, नर्मदा नियंत्रण मंडल एवं वृहद परियोजना नियंत्रण मंडल के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में बताया गया कि प्रदेश का सिंचाई क्षेत्र अगले पांच साल में एक करोड़ हेक्टेयर को पार कर जाएगा। ओंकारेश्वर के फ्लोटिंग प्लांट से ऊर्जा उत्पादन शीघ्र प्रारंभ होगा। नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की 250 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता की इस परियोजना से प्रारंभ में 50 मेगावाट उत्पादन होगा। बैठक में जल संसाधन मंत्री श्री तुलसी सिलावट, मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा भी उपस्थित थीं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश की सिंचाई क्षमताओं की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि वृहद,मध्यम और लघु सिंचाई योजनाओं के माध्यम से सिंचित क्षेत्र में वृद्धि की जाए। शासकीय स्रोतों से सिंचाई प्रतिशत की जिलावार जानकारी प्राप्त करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उन जिलों में सिंचाई योजनाओं के क्रियान्वयन की गति बढ़ाने के निर्देश दिए जहां वर्तमान में सिंचाई प्रतिशत अपेक्षाकृत कम है। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में जल संसाधन विभाग के माध्यम से वर्तमान में 41. 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो रही है। नर्मदा घाटी विकास विभाग द्वारा 8.85 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जा रही है, इस तरह कुल 50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित है। प्रदेश में निर्माणाधीन सिंचाई योजनाओं के पूर्ण होने पर सिंचाई क्षेत्र जल संसाधन विभाग का 23.66 लाख हेक्टेयर और नर्मदा घाटी विकास विभाग का 43. 21लाख हेक्टेयर बढ़ जाएगा। इन योजनाओं के आगामी 5 वर्ष में पूर्ण हो जाने पर प्रदेश की सिंचाई क्षमता 93 लाख हेक्टेयर से ज्यादा हो जाएगा।