PTV BHARAT इस्काॅन प्रचार केन्द्र की ओर से हर साल की तरह इस बार भी भगवान श्री श्री जगन्नाथ रथ यात्रा का महा महोत्सव धूम-धाम से मनाया जाएगा जिसकी तैयारी पूरी हो चुकी है भगवान जब रथ पर अरुण होते हैं तो निश्चित भगवान को सबसे पहले कहा जाता है कि वहां का जो राजा होता है वह झाड़ू लगाता है बाहरी जो बोलते हैं कि भंवरी की प्रक्रिया होती है तो वह बुहारना किया जाता है तो सोने की झाड़ू से यहां पर भी सोने के साथ अच्छे झाड़ू बनाई गई है और उसे झाड़ू को सोने की छह झाड़ू से छह झाड़ू से पूरे मार्ग को बुखार हुए चला जाएगा जिसमें कि यहां पर हमारे पवन सचदेवा प्रभु जी अमर अग्रवाल प्रभु जी राजेश किंकर प्रभु मनोज शुक्ला प्रभु जी पूरे मार्ग को सोने की झाड़ू से साफ करते हुए आगे बढ़ेंगे तत्पश्चात सभी भक्तों को कुछ समय के लिए अवसर भी दिया जाएगा कि वह भी भगवान के समान को साफ करते हुए आगे बढ़ सके इस रथ को खींचने के लिए विशेष मोती-मोती रसिया मंगाई की शॉप फिट से अधिक मोती मोती कर रसिया मंगाई ने 400 फीट की राशियों से इशरत को खींचा जाएगा यह रथ विशेष प्रकार से बनकर तैयार हुआ है और भगवान चुकी वृंदावन बेणेश्वर के नाम से भी जाने जाते हैं इसलिए जगन्नाथ जी अपने वृंदावन धाम की ओर बढ़ते हैं इसलिए इस पूरे मंदिर और रथ को विशेष प्रकार से वृंदावन का स्वरूप देने के लिए मोर और विशेष प्रकार के वृक्षों को फूलों को डिजाइन करके बनाया गया है जगन्नाथ जी विशेष एक भक्तों के लिए भक्तों के सॉन्ग को पसंद करते हैं इसलिए भगवान गीत गोविंद की चादर होना पसंद करते हैं इसलिए आज के दिन भगवान को वैसे रात्रि प्रत्येक दिन चयन करते समय भगवान को गीत गोविंद की चादर उठाई जाती है यह चादर विशेष मखमल से बनाई हुई है जिसमें हाथों के द्वारा कढ़ाई करके पूरा गीत गोविंद ओके रह गया है तो यह चादर आज से भगवान अपने भक्तों के प्रेम में लपेटे हुए रात्रि मेंसहन करते हैं