1991 के पूजा स्थल अधिनियम को चुनौती देने SC पहुंचा हिंदू संगठन

PTV BHARAT 07 JAN 2025    नई दिल्ली। पूजा स्थल कानून के खिलाफ अखिल भारतीय संत समिति भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। अखिल भारतीय संत समिति ने सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप अर्जी दाखिल कर कानून की धारा तीन और चार को रद करने की मांग करते हुए मामले में पक्ष रखने की इजाजत मांगी है। पूजा स्थल कानून के मामले में सुप्रीम कोर्ट में करीब आधा दर्जन से ज्यादा याचिकाएं और अर्जियां लंबित हैं जिन पर कोर्ट 17 फरवरी को सुनवाई करेगा।इन याचिकाओं और अर्जियों में से कुछ में कानून के प्रविधानों को संविधान के खिलाफ और भेदभाव पूर्ण बताते हुए रद करने की मांग की गई है जबकि कुछ में कानून के प्रविधान ठीक से लागू करने की मांग की गई है। संत समिति ने कानून रद करने की मांग की है जबकि इससे पहले ही जमीयत उलमा ए हिन्द ने याचिका दाखिल कर कानून को ठीक से लागू करने की मांग की गई है।क्या कहता है कानून? पूजा स्थल (विशेष प्रविधान) अधिनियम 1991 कहता है कि किसी भी पूजा स्थल की वही स्थिति रहेगी जो 15 अगस्त 1947 को थी। किसी भी धार्मिक स्थल का चरित्र नहीं बदला जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने लंबित मुख्य मामले में पिछली सुनवाई पर आदेश दिया था कि फिलहाल कोई भी अदालत किसी धार्मिक स्थल पर दावे का नया वाद पंजीकृत नहीं करेगी और पुराने लंबित मुकदमों में कोई प्रभावी आदेश नहीं देगी। न ही सर्वे का आदेश देगी।

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