PTV BHARAT नई दिल्ली। रिश्वत लेकर सदन में वोट देने वाले अब संसदीय विशेषाधिकार की आड़ लेकर नहीं बच पाएंगे। ऐसे सांसदों-विधायकों को अब विशेषाधिकार का कवच नहीं मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ऐतिहासिक फैसला दिया है जिसमें सात न्यायाधीशों की पीठ ने सर्वसम्मति से कहा है कि रिश्वत लेकर सदन में मतदान करने या भाषण देने पर आपराधिक मुकदमे से छूट नहीं है। कोर्ट ने कहा कि रिश्वत लेकर सदन में मतदान करना या भाषण देना सांसदों विधायकों को मिले संसदीय विशेषाधिकार के तहत नहीं आएगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि रिश्वत लेने का अपराध उसी पल हो जाता है जब सांसद – विधायक रिश्वत लेता है या लेने के लिए तैयार हो जाता है, उसके बाद वह वोट देता है या नहीं देता इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। कोर्ट ने कहा कि सांसदों-विधायकों का भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी भारतीय संसदीय लोकतंत्र की नींव कमजोर करती है। यानी रिश्वत लेकर कोई राज्यसभा उम्मीदवार के लिए वोट डालता है या किसी पार्टी या सरकार का समर्थन करता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई होगी।