PTV BHARAT रायगढ़/15 मार्च/2024 छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य श्रीमती अर्चना उपाध्याय ने आज सृजन सभाकक्ष में महिला उत्पीडन से संबंधित प्रस्तुत प्रकरण पर जनसुनवाई की। छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज प्रदेश स्तर की 249 वीं एवं रायगढ़ जिले में 6 वीं सुनवाई हुई।
आज के सुनवाई के दौरान प्रकरण में उभयपक्ष उपस्थित दोनों को समझा दिया गया दो बच्चे है समझाईस के पश्चात् दोनों साथ रहने को सहमत हैं। अतः दोनों पक्ष की निगरानी सखी वन स्टॉप सेन्टर द्वारा 01 वर्ष तक प्रतिमाह निगरानी किया जावेगा, इस आदेश के साथ आयोग ने प्रकरण नस्तीबद्ध किया ।
अन्य प्रकरण में आवेदिका अपने बहन के बच्चे जिनका उम्र 12 व 6 वर्ष है उन दोनों को बचपन से पाल रही है, आवेदिका की बहन की मृत्यु मई 2021 में हुई थी, और दोनों बच्चों के पिता आवेदिका के घर में आकर रहते थे एवं बहन को प्रताडित करके चले जाते थे. दोनों बच्चों की परवरिश आवेदिका व उनके पिता द्वारा की गई है, व जीजा द्वारा बच्चों की जिम्मेदारी नहीं ली गई एवं बच्चों के पालन पोषण के लिए उनके पिता द्वारा कोई राशि नही दिया गया है, और दोनों बच्चो को धमकी दिया था कि तुमको बांधकर खींच कर ले आउंगा, इसके द्वारा आवेदिका ने अनावेदकगण 1. 2. 3 व 5 के खिलाफ महिला आयोग में आवेदन दिया गया था, जिसके बाद आज बाल कल्याण समिति सदस्य उपस्थित हुए व बताया गया कि बच्चों के कल्याण के लिए न्यायिक शक्तियों के तहत् कार्य करते हैं, और उनके द्वारा आवेदिका के पिता को पूर्व में अभिरक्षा में दिये गये थे, और उनके द्वारा प्रकरण समाप्त कर दिया गया था। आवेदिका ने आज बताया कि 1 वर्ष पूर्व परिवार न्यायालय में दोनों नाबालिग बच्चों के पिता के विरूद्ध प्रकरण प्रस्तुत किया गया था अतः आवेदिका के प्रकरण को आगे जारी रखना नहीं चाहती, इसलिए आयोग ने प्रकरण नस्तीबद्ध किया।
अन्य प्रकरण में आवेदिका और सी.एम.ओ. नगर पंचायत व राजस्व निरीक्षक उपस्थित हुए, आवेदिका ने बताया कि के परछी का हिस्सा नाली बनाने के लिए तोडा गया है जिस पर आवेदिका को अलग से कोई राहत देना संभव नहीं है. नं.पं. द्वारा कहा गया कि ऐसी कार्यवाही की जा सकती है परन्तु आवेदिका का कहना है कि उसी के घर को तोडा गया है इस संबंध में जिला कार्यकम अधिकारी एल.आर. कच्छप को जाँच कर उपरांत महिला आयोग में रिर्पोट प्रस्तुत करने कहा गया है।
अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित आवेदिका जिस स्कूल में प्रिंसिपल है उसी स्कूल में अनावेदक वरिष्ट व्याख्यता है, और आपस में एक दूसरे की ओर दोषारोपण कर रहे है, इस विभागीय प्रकरण को जॉच जिला शिक्षा अधिकारी को करना चाहिए, इस पर आयोग की ओर से जिला कार्यक्रम अधिकारी जिला रायगढ़ को नियुक्त किया जाता है दोनों पक्षो के आवेदनों को लेकर आवेदन की जाँच जिला शिक्षा अधिकारी. रायगढ़ को मिले व 3 माह के भीतर रिर्पोट प्रस्तुत करें तत्पश्चात् आयोग द्वारा निर्णय लिया जावेगा।
अन्य प्रकरण आवेदिका के मृतक पिता एस.बी.आई धरमजयगढ में मैनेजर के पद पर थे। मृत्यु उपरांत अनावेदक पक्ष द्वारा देनदारियों का भुगतान नहीं किया गया है। अनावेदक का कहना है कि दस्तावेज के अभाव में कार्य नही कर पा रहे है। आवेदिका ने कहा की उसने एस.बी.आई के सभी शाखा में आवेदन दिया था परंतु जबाव नहीं मिला। आवेदिका को न्यायालय में जाने का निर्देश देते हुये प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।