रायपुर/29 अगस्त 2024। छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी सरकार के द्वारा नया सेटअप और युक्तियुक्तकरण के नाम पर अव्यवहारिक नियम जबरिया लादे जाने के खिलाफ प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि साय सरकार के इस फैसले से भाजपा का जन विरोधी, शिक्षा विरोधी चेहरा एक बार फिर सामने आया है। नए सेटअप के तहत स्कूलों में शिक्षकों की न्यूनतम संख्या में कटौती करके और 4000 से अधिक सरकारी स्कूलों को बंद करके 12000 से अधिक नियमित शिक्षकों के पदों को खत्म करने का षड्यंत्र भाजपा की सरकार ने रचा है। हर महीने सैकड़ो की संख्या में प्रदेश भर में शिक्षक रिटायर हो रहे हैं लेकिन विगत 8 महीनों के दौरान भाजपा की सरकार ने एक भी पद पर नियमित शिक्षक की भर्ती नहीं की है। प्राथमिक स्कूलों में 1 से 5 तक कक्षा में चार विषय होते हैं, अर्थात कुल 20 पीरियड के लिए न्यूनतम एक प्रधान पाठक और एक सहायक शिक्षक अर्थात केवल दो लोग मिलकर 20 पीरियड लेंगे क्या ऐसे तुगलकी फरमान व्यवहारिक है? इसी तरह की कटौती मिडिल स्कूल, हाई स्कूल, और हायर सेकेण्डरी के स्कूलों के सेटप में भी कटौती की जा रही है। शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषय में इतना बड़ा निर्णय लेने से पहले विषय विशेषज्ञ और शिक्षक संघो से बातचीत सलाह और सुझाव लिया जाना चाहिए लेकिन साय सरकार ने अपना अधिनायकवादी फैसला जबरिया थोपने के लिए उच्च न्यायालय में केवियेट दाखिल किया है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि पूर्व में भी भाजपा की रमन सरकार में छत्तीसगढ़ के 3000 स्कूलों को बंद किया था रिटायर होने वाले शिक्षकों के टाइम ट्रेड घोषित किया था 15 साल के भाजपा के पूर्ववर्ती सरकार के दौरान एक भी पद पर नियमित शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई थी, कांग्रेस की सरकार आने के बाद 2018 से 2023 के बीच न केवल 147000 शिक्षा कर्मियों का नियमित शिक्षक के पद पर संविलियन हुआ, बल्कि पहले 14580 फिर 12700 इस तरह से कुल 27000 से अधिक नियमित शिक्षकों के पदों पर भर्ती हुई थी। जनहितैषि सरकार होने का दावा करने वाली केंद्र की मोदी सरकार ने वर्तमान बजट में भी स्कूली शिक्षा के बजट में 7 प्रतिशत और उच्च शिक्षा के बजट में 16 प्रतिशत की भारी भरकम कटौती की है। अब छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ में शिक्षा विरोधी षड्यंत्र रच रही है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि अनियमित कर्मचारियों को 100 दिन में नियमित करने का वादा करके सत्ता में आए भाजपा सरकार ने वर्षों से कार्यरत विद्या मितानों को नौकरी से निकाल दिया है। स्वामी आत्मानंद स्कूलों में कार्यरत संविदा कर्मियों का वेतन रोक दिया गया है। युक्ति युक्त के नियम बेहद अव्यवहारिक है, अतिशेष शिक्षकों की गिनती में परिविक्षा अवधि वाले अभिव्यर्थियो को बाहर रखना, पूर्व से कार्यरत विषय शिक्षकों के प्रति अन्याय है। कांग्रेस पार्टी सरकार से मांग करती है कि उच्च न्यायालय में दाखिल कैबियेट को वापस ले, शिक्षक संघो से चर्चा कर बातचीत से समाधान निकाले और नया सेटअप और युक्ति उपकरण के फैसले को तत्काल वापस ले। छत्तीसगढ़ में एक भी स्कूल बंद होने पर कांग्रेस पार्टी उसका पूरजोर विरोध करेगी।