PTV BHARAT 28 Sep 2024 नई दिल्ली। कर्नाटक हाई कोर्ट ने कहा है कि ‘भारत माता की जय’ के नारे से सिर्फ सद्भाव बढ़ता है, कभी वैमनस्य नहीं फैलता। कोर्ट ने विभिन्न धर्मों और समूहों के बीच वैमनस्य फैलाने वाले भाषण या गतिविधि से संबंधित आईपीसी की धारा-153ए के दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए इसमें व कुछ और धाराओं में पांच लोगों के विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी रद्द कर दी। कोर्ट ने कहा, ‘ऐसे मामले में जांच जारी रखने की इजाजत का मतलब प्रथम दृष्टया भारत माता की जय के नारे लगाने के मामले में जांच की अनुमति देना होगा। जबकि इस नारे को किसी भी तरह धर्मों और समूहों के बीच वैमनस्यता या शत्रुता बढ़ाने वाला नहीं माना जा सकता।’ हाई कोर्ट के जस्टिस एम. नागप्रसन्ना ने 20 सितंबर को दिए आदेश में धारा-153ए की व्याख्या वाले सुप्रीम कोर्ट के कई पूर्व फैसलों का हवाला दिया। कहा, ‘मौजूदा मामला इस धारा के दुरुपयोग का अच्छा उदाहरण है।’