छत्‍तीसगढ़ की 56 लाख दीदियों को बनाया जाएगा लखपति – केन्‍द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह

राष्‍ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत छत्‍तीसगढ़ की 56 लाख दीदियों को लखपति बनाया जाएगा । यह बात केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने आज, 13 जनवरी, 2024 को अटल नगर, नवा रायपुर स्थित सर्किट हाऊस में राज्‍य के ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्‍थानों के वरष्ठि अधिकारियों के साथ आयोजित समीक्षा बैठक में कही । इस बैठक में छत्‍तीसगढ के उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, विधायक श्री ईश्वर साहू और श्री सुशांत शुक्ला विशेष रूप से उपस्थित थे ।

केन्द्रीय मंत्री ने समीक्षा बैठक में कहा कि देश की आर्थिक उन्नति में महिलाओं की भागीदारी 56 प्रतिशत है, जबकि छत्तीसगढ़ में 50 प्रतिशत है, इसे बढ़ाने की आवश्यकता है । इसके लिए महिलाओं को कृषि में भागीदारी बढ़ाने के साथ ही राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत छोटे-छोटे उद्यम स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए, बैंकों के माध्यम से महिलाओं के नये उद्यम स्थापित किए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया । श्री सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बिहान की दीदियों को लखपति बनाने का संकल्प लिया है । बिहान योजना के तहत 56 लाख दीदियों को लखपति बनाना हमारा संकल्प है। इसके अनुरूप पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रयास करने की आवश्‍यकता है ।

श्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि गांवों में बनाए गए गौठानों को आर्थिक समृद्धि केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा । उन्‍होंने बताया कि नाबार्ड द्वारा राज्य में मॉडल गौठान बनाने के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है । इसके अंतर्गत राज्य के 4 जिलों में एक-एक गौठानों को मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए नाबार्ड द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन को 25 लाख रूपए की राशि दी जाएगी । इन मॉडल गौठानों में मुर्गी पालन, बकरी पालन, सूअर पालन के साथ ही उन्नत नस्ल के गौवंशीय पशु पाले जाएंगे । इसके अलावा कड़कनाथ जैसी देशी मुर्गियों की प्रजाति के हाइब्रिड नस्ल भी तैयार किए जाएंगे ।

केन्‍द्रीय मंत्री ने अमृत सरोवरों के व्यवस्थित विकास पर भी जोर दिया । ग्रामीण क्षेत्र में बनाए जा रहे अमृत सरोवरों को व्यवस्थित रूप से विकसित करने के निर्देश दिए । उन्होंने कहा कि अमृत सरोवरों के आसपास वृक्षारोपण, पाथ-वे सहित सौंदर्यीकरण के कार्य किए जाए। उन्‍होंने कहा कि इन कार्यों को पूर्ण करने के लिए मनरेगा की राशि का उपयोग किया जा सकता है ।

इस बैठक में प्रमुख सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, श्रीमती निहारिका बारिक, छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण विकास के सीईओ श्री भीम सिंह, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की संचालक श्रीमती पद्मिनी भोई, संचालक पंचायत श्रीमती रोक्तिमा यादव, नाबार्ड और एसबीआई के डीजीएम सहित पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अनवरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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