छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल जांच, इलाज और दवा के लिए भटक रहे मरीज़

रायपुर/15 नवंबर 2024। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने छत्तीसगढ़ में बदहाल हो चुकी स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद से प्रदेश के सरकारी अस्पतालों की स्थिति चिंताजनक हो चुकी है। डायलिसिस, कीमोथेरेपी, सीटी स्कैन, सोनोग्राफी मशीनें बंद पड़ी हैं। टेस्ट किट बिना उपयोग के एक्सपायरी हो रहे हैं। टीकाकरण कार्यक्रम तक बाधित है, टीके सप्लाई के दौरान टेंपरेचर मेंटेन नहीं कर पा रहे हैं जिसके चलते बिलासपुर और अंबिकापुर में शिशुओं की मौतें हुई। शुगर, थायराइड तक की जांच तक बंद है, रिएजेंट की कमी के चलते राजधानी रायपुर स्थित प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल मेकाहारा में 6 माह से हार्ट का ऑपरेशन बंद है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा की सरकार 11 महीनो के भीतर ही छत्तीसगढ़ की जनता के साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों का भी भरोसा खो चुकी है। साय सरकार की अकर्मण्यता के चलते सरकारी डॉक्टर अपने पद से त्यागपत्र की पेशकश कर रहे हैं। हर माह सैंकड़ों की संख्या में स्वास्थ्य कर्मी रिटायर हो रहे हैं लेकिन यह सरकार एक भी पद पर नियमित भर्ती नहीं कर पा रही है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा सरकार की दुर्भावना, उपेक्षा और निकम्मेपन के चलते हैं मामूली बीमारी से बड़ी संख्या में लोग बे-मौत मरने मजबूर हैं। पीलिया, मलेरिया, डायरिया से रोज़ मौत हो रही है। मौसमी बीमारियों से रोकथाम के उपाय बंद होने के कारण विगत 11 महीनों में ही प्रदेश में मलेरिया संक्रमण दर 8 गुना बढ़ गई है। हमर अस्पताल, हाट बाजार क्लीनिक, मोहल्ला क्लीनिक, शहरी स्लम चिकित्सक सेवा कार्यक्रम बाधित है। बड़े ऑपरेशन तो दूर मामूली इलाज़ के लिए जनता भटक रही है।

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