छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के साथ-साथ छत्तीसगढ़ राज्य वित्त आयोग एवं छत्तीसगढ़ तेलघानी विकास बोर्ड कार्यालय का संयुक्त रूप से कार्यस्थल पर लैगिंक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 की धारा 04 के अन्तर्गत आंतरिक परिवाद समिति का गठन दिनांक 10/08/2023 को किया गया था. आंतरिक परिवाद समिति गठन पश्चात् महिला आयोग के अध्यक्ष महोदया के निर्देशन में आज दिनांक 31/01/2024 को दोपहर 2:00 बजे महिलाओं के लैगिक उत्पीड़न संबंधित बैठक की गई। जिसमें कार्यरत महिला कर्मचारियों से परिचर्चा की गई। इन कार्यालय में किसी भी प्रकार की महिला उत्पीडन संबंधित कोई शिकायत लंबित नही है। परिचर्चा में डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया जिसमें सुश्री पायल गुप्ता (अनुसंधान अधिकारी), श्रीमती मंजू थदानी (पर्यवेक्षक), श्रीमती सुशील टोप्पो (सहायक ग्रेड- 03) श्रीमती सुषमा दुबे (काउंसलर) श्रीमती रश्मि तिवारी (पर्यवेक्षक) एवं आयोग में कार्यरत् अन्य सभी महिला कर्मचारी उपस्थित थे।
परिचर्चा के दौरान महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने अपने संबोधन में जानकारी दी की किसी भी शासकीय संस्था अथवा अर्धशासकीय संस्था या किसी भी ऐसे संस्थान जहां 10 या 10 से अधिक लोग कार्य कर रहें है, वहां आंतरिक परिवाद समिति का गठन किया जाना अनिवार्य है। यदि कामकाजी महिलाओं के साथ शारीरिक संपर्क या लैंगिक समर्थन की मांग अथवा अश्लील शब्दों का उपयोग यदि पुरुष कर्मचारी द्वारा किया जाता है तो आंतरिक परिवाद समिति के समक्ष अपनी शिकायत प्रस्तुत कर सकते है आवेदन प्रस्तुत के पश्चात् निराकरण प्राप्त कर सकते है।