PTV BHARAT केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या का ‘राजनीतिकरण’ करने के लिए माफी मांगनी चाहिए। रोहित ने वर्ष 2016 में आत्महत्या की थी। पुणे में पत्रकारों से बात करते हुए सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस शासित राज्य में अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दायर किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रोहित दलित नहीं था। उसके पास एससी (अनुसूचित जाति) का फर्जी प्रमाण पत्र था। रोहित को डर था कि उसकी ‘वास्तविक पहचान’ उजागर हो जाएगी। लेकिन कांग्रेस ने सार्वजनिक रूप से मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश की थी। संसद में राहुल गांधी ने बयान दिया कि रोहित पर दबाव डाला गया। सीतारमण ने कहा, राहुल को उस समय लोकसभा में दिए गए अपने भाषणों को सुनना चाहिए और देश से माफी मांगनी चाहिए। उन्हें एससी समुदाय से भी माफी मांगनी चाहिए जिनका उन्होंने दुरुपयोग किया। यह दलित मुद्दा नहीं था, लेकिन (राहुल ने) इसे दलित मुद्दे की तरह बना दिया। ‘मोहब्बत की दुकान’ चलाने की बात कहने वाले ‘टाक्सिक दुकान’ चला रहे थे। बाद में डेक्कन कॉलेज में ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण को साकार करने में उच्च शिक्षा की भूमिका पर छात्रों के साथ बातचीत करते हुए सीतारमण ने दावा किया कि नैरेटिव बनाया गया कि सरकार छात्रों और अनुसूचित जाति के खिलाफ है। यह गलत नैरेटिव स्वार्थी समूहों, स्वघोषित वामपंथी उदारवादी समूह, विपक्ष के नेताओं ने बनाया। उन्होंने कहा, जिस समस्या को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल किया जा सकता था, उसे सड़कों पर घसीटा गया। तत्कालीन शिक्षा मंत्री और केंद्र सरकार के खिलाफ आरोप लगाए गए क्योंकि यह केंद्रीय विश्वविद्यालय है। सीतारमण ने दावा किया कि निहित स्वार्थी समूह उच्च शिक्षा केंद्रों में जहर घोलने का कोई मौका नहीं चूकते। गौरतलब है कि रोहित की आत्महत्या के कारणों की जांच कर पुलिस ने स्थानीय अदालत के समक्ष क्लोजर रिपोर्ट दायर की है। इसमें दावा किया कि रोहित को डर था कि उसकी ‘वास्तविक पहचान’ उजागर हो जाएगी। संभव है कि रोहित ने इसलिए आत्महत्या कर ली हो। पुलिस ने इस मामले में साक्ष्य के अभाव में आरोपितों को क्लीन चिट दे दी है।