PTV BHARAT 23 DEC 2024 महाकुंभनगर। भाला, तलवार-त्रिशूल से अद्भुत करतब दिखाते नागा संतों का हुजूम सड़क पर निकला तो भक्तिभाव से ओतप्रोत नर-नारी और बच्चे भावविभोर हो गए। सौभाग्य की अनुभूति करते हुए अपलक उनका दर्शन किया। पुष्पवर्षा व जयकारा लगकर संतों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। संतजन आगे निकल गए तो सड़क से उनकी चरणों का रज लेकर माथे पर लगाकर परम आनंद की अनुभूति की। मौका था श्रीपंचदशनाम आवाहन अखाड़े के छावनी प्रवेश (पेशवाई) शोभायात्रा का। जन आस्था व आकर्षण अखाड़े ने भव्यता, राजसी अंदाज में यात्रा निकाली। जगह-जगह श्रद्धालुओं, प्रशासन के अधिकारियों ने पुष्पवर्षा करके जयकारा लगाकर संतों का स्वागत किया। 13 अखाड़ों में सबसे पहले अस्तित्व में आए श्रीपंच दशनाम आवाहन अखाड़े के संतों ने मड़ौका स्थित आश्रम में विधि-विधान से पूजन किया। पूजन के बाद अस्त्र-शस्त्र के साथ छावनी प्रवेश की यात्रा आरंभ की। अखाड़े के आराध्य सिद्ध गणेश भगवान की पालकी थी। इसके पीछे संतों का लंबका कारवां आगे बढ़ रहा था अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अरुण गिरि के नेतृत्व में छावनी प्रवेश यात्रा नए यमुना पुल से होते हुए मेला क्षेत्र में प्रवेश की। स्वामी अरुण गिरि का कहना है कि आवाहन अखाड़ा सबसे प्राचीन है। प्रयागराज में अब तक 122 महाकुंभ और 123 कुंभ कर चुका है। अपने विशिष्ट संकल्प के साथ अखाड़े ने महाकुंभ क्षेत्र में प्रवेश किया है। विभिन्न मार्गों से होते हुए अखाड़े ने तो त्रिवेणी पांटून पुल से अपनी छावनी में प्रवेश किया।