वायनाड में युद्ध स्तर पर जुटीं तीनों सेनाएं; मलबे से निकाले जा रहे शव

PTV BHARAT वायनाड। केरल के वायनाड जिले में विनाशकारी भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 167 हो गई, जबकि 191 लोग अभी भी लापता हैं। 200 घायलों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। बचावकर्मी मलबे में दबे लोगों की तलाश में जुटे हैं। अभी मृतक संख्या और बढ़ने की आशंका है।

सेना सहित बचाव दलों ने तलाशी अभियान के दूसरे दिन बुधवार को मलबे में फंसे लोगों को खोजने के प्रयास और तेज किए। इस दौरान कई क्षतिग्रस्त मकानों के मलबे में दबे शवों को उसी अवस्था में बाहर निकाला गया, जिस अवस्था में वह दुर्घटना के वक्त घर में थे। इनमें कुछ शव बैठे और लेटी हुई अवस्था में थे। ये हृदय विदारक दृश्य थे।

भारी बारिश के कारण मंगलवार तड़के बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलन में वायनाड के चार गांव मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा पूरी तरह तबाह हो गए थे। राहत और बचाव टीमें सामूहिक रूप से मलबे को खोदकर और मिट्टी में दबे घरों के अवशेषों को तोड़कर जीवित बचे लोगों की तलाश कर रही हैं। बचावकर्मी अभी भी कई अंदरुनी इलाकों तक नहीं पहुंच पाए हैं, जिनका संपर्क बुधवार सुबह पूरी तरह से टूट गया था।

चैनलों पर प्रसारित दृश्यों में देखा जा सकता है कि मुंडक्कई में एक स्थान पर सेना के जवान पूरी तरह से कीचड़ में डूबे एक घर की टिन की छप्पर को तोड़ रहे हैं। वे रस्सियों का उपयोग करके अंदर पहुंच कर वहां दबे शवों को निकाल रहे थे। ऐसे ही एक मकान में अंदर गए एक स्थानीय व्यक्ति के.बाबू ने बताया कि उसने कुर्सियों पर बैठे हुए और चारपाई पर लेटी हुई मुद्राओं में मिट्टी में दबे शव देखे।

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