बच्चों के स्वास्थ्य पर स्वच्छ भारत मिशन के प्रभाव के निष्कर्षों का सारांश

PTV BHARAT 06 SEPT 2024 एक हालिया अध्ययन के अनुसार, 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) की वजह से साफ-सफाई और स्वच्छता के प्रति भारत के दृष्टिकोण में एक बड़ा बदलाव आया है।

इस मिशन को मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक के रूप में याद किया जाएगा। इसके दूरगामी प्रभावों में स्वास्थ्य संकेतकों में पीढ़ी दर पीढ़ी सुधार, विशेष रूप से शिशु एवं बाल मृत्यु दर में कमी और महिलाओं व लड़कियों की सुरक्षा शामिल है।

यहां देश के 35 राज्यों और 640 जिलों को शामिल करते हुए एक दशक लंबे चले अध्ययन (2011-2020) के आधार पर एसबीएम के प्रमुख निष्कर्षों और प्रभावों का विवरण दिया गया है।

स्वच्छ भारत मिशन के प्रमुख लाभ

• शौचालय कवरेज में तेजी से वृद्धि:

o वर्ष 2003 में, जिलों में शौचालय कवरेज अपेक्षाकृत कम रहा, औसतन 40 प्रतिशत से भी कम (माध्य 46.7 प्रतिशत)।

o वर्ष 2003 से 2008 तक घर-घर शौचालय के मामले में बहुत कम सुधार हुआ और कुछ जिलों में तो शौचालयों के इस्तेमाल में गिरावट भी देखी गई

o वर्ष 2014 में एसबीएम के शुभारम्भ के बाद, भारत में शौचालयों के निर्माण और इस्तेमाल में काफ़ी वृद्धि हुई।

oवर्ष 2020 तक 10 करोड़ से ज़्यादा घरेलू शौचालयों का निर्माण हुआ। इस अवधि के दौरान ज़्यादातर जिलों में शौचालयों तक पहुंच 60 प्रतिशत (माध्य 81.2 प्रतिशत) से ज़्यादा रही। अब तक, देश भर में 12 करोड़ से ज़्यादा शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है।

o इस मिशन के पहले पांच वर्षों में खुले में शौच 60 प्रतिशत से घटकर 19 प्रतिशत हो गया। आज भारत खुले में शौच से मुक्त देश है।

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